DM के जनता दरबार में बुजुर्ग दंपति कई बार लगा चुके गुहार फिर भी मायूस

क्या डीएम के जनता दरबार में हुई सुनवाई सिर्फ कागजों तक सीमित
15 फरवरी को बुजुर्ग दंपति की बेटी मदीहा की शादी है और बुजुर्ग माता पिता डीएम कार्यालय के चक्कर काट रहे, अब आप ये सोच रहे होंगे कि शादी से डीएम कार्यालय का क्या वास्ता, दरसल बुजुर्ग दंपति के प्लाट पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर धड़ल्ले से निर्माण कार्य करवाया जा रहा है जिस निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए बुजुर्ग दंपति अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं ये वही प्लॉट है जो इस पिता ने अपनी बेटी की शादी के लिए खरीदा था ताकि इस प्लॉट को बेच कर धूम धाम से अपनी बेटी की शादी कर सकें लेकिन जालसाजों ने इन बुजुर्ग दंपति के सपनों पर पानी फेर दिया,इसीलिए शादी की तैयारी छोड़ बुजुर्ग दंपति अपने प्लॉट पर हो रहे निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे है वही आज भी डीएम के जनता दरबार में पहुंचे बुजुर्ग दंपति ने अपनी गुहार लगाई लेकिन फिर मायूस होकर ही लौटना पड़ा वही जब पत्रकारों ने जिकाधिकारी देहरादून सोनिका से सवाल पूछा तो उन्होंने भूमि संबंधित विवादों में दोनों पक्षों को सुनने के बाद मेरिट के आधार पर समाधान करने की बात कही है लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि जब ये दंपति पिछले 4 महीनों से चक्कर काट रहे है तो इनके मामलें पर डीएम के द्वारा मार्क करने के बावजूद एक इंच भी कार्यवाही आगे क्यों नही बढ़ सकी इन बुजुर्ग की कहानी ने सरकारी सिस्टम पर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं
कब और कहा खरीदी थी जमीन
पटेलनगर के रहने वाले मकसूद हसन राहत ने ब्रह्मानवाला के संस्कृति लोक कॉलोनी में 2018 में 168 गज का प्लॉट अपने मकान पर बैंक से लोन लेकर 28 लाख कीमत चुका कर खरीदा था जिसकी रजिस्ट्री के बाद दाखिल खारिज भी हो चुका है मकसूद बताते हैं कि वो पेशे से ड्राइवर हैं उनकी एक ही बेटी मदीहा जिसकी शादी धूम धाम से करने का सपना उन्होंने देखा था और इसी लिए उन्होंने ये प्लॉट भी खरीदा था कि जब उनकी बेटी की शादी होगी तो उसे बेच कर शादी के सभी खर्चे उठा सकेंगे लेकिन उनके सपनों को मानो कोई ग्रहण लग लगा हो बुजुर्ग दंपति न्याय के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर हैं हालांकि दोनों पक्षों के कागजात चेक कर मौके पर जाकर संबंधित अधिकारी अगर पैमाइस करते तो सच्चाई सामने आ जाती और जमीन के असली मालिक को उसकी भूमि मिल जाती लेकिन अधिकारियों की लापरवाही कहे या अनदेखी जिसके चलते दूसरे पक्ष द्वारा लगातार उस भूमि पर निर्माण कार्य किया जा रहा है और ये बुजुर्ग दंपति अपनी जमीन के कागज ले सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं