यहाँ 15 हजार की नौकरी करने वाले युवक को आयकर ने भेजा करोडों का नोटिस

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हरदोई के अतर्जी गांव निवासी राजेश कुमार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजा है जिसके बाद से वह परेशान है।जानकारी के मुताबिक राजेश की आर्थिक रूप से मालिहालत अच्छी नही है जिसके चलते ही राजेश अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए दिल्ली में करोल बाग की एक प्राइवेट कंपनी में 15 हजार रुपये महीने पर नौकरी करता है।जिससे वह अपना और परिवार का पालन पोषण कर रहा है लेकिन जबसे राजेश को आयकर का नोटिस मिला है तब से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं ।उसने आयकर विभाग के अधिकारियों को बताया कि उसकी कोई फर्म नहीं है, वह मजदूर है साथ ही आरोप लगाया कि आधार कार्ड व अन्य दस्तावेजों का इस्तेमाल कर उसके नाम से किसी ने कंपनियां खोली हैं जिसके बारे में उसे कोई जानकारी तक नही है।।राजेश ने बताया कि वह वर्ष 2019 में दिल्ली गया था और दिल्ली में रहकर 2022 से एक मोबाइल कंपनी में नौकरी कर रहा है इससे पहले भी वह दो कंपनियों में काम कर चुका है, जहां उसे आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज जमा कराए गए थे। राजेश के मुताबिक नोटिस में उसके नाम हरियाणा और महाराष्ट्र में मेटल बर्ड नाम से दो कंपनियां हैं। पीड़ित का आरोप है कि उसके दस्तावेज का गलत इस्तेमाल किया गया है उसका आरोप है कि जिन जिन कंपनियों में मैने नौकरी के लिए दस्तावेज जमा कराए थे वही से कागजात लीक होने की संभावना है राजेश के परिजनों के पास बीती 2 अप्रैल को डाक द्वारा उसके घर एक पत्र आया, तब वह दिल्ली में था।परिजनों ने गांव वालों को दिखाने के बाद नोटिस की फोटो उसे व्हाट्सएप पर भेजी…

जिसे देख पता चला कि आयकर विभाग ने 25,97,19,897 रुपये टैक्स बकाया होने पर नोटिस भेजा है।नोटिस 18 मार्च को हरदोई के इनकम टैक्स ऑफिस से भेजा गया 27 मार्च तक जवाब भी मांगा गया था।हालांकि राजेश छुट्टी लेकर 6 अप्रैल को घर पहुंचा और सबसे पहले इनकम टैक्स अफसरों से गुहार लगाई, वही पीड़ित राजेश की माने तो आयकर अधिकारियों ने ही साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराने की सलाह देकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
हालांकि राजेश के साथ हुई इस धोखाधड़ी ने कई सवाल खड़े कर दिए है कि न जाने शातिर धोखेबाज लोग कितने लोगों के नाम पर फर्जीवाड़ा करते होंगे और उससे भी बड़ा सवाल तो उस सिस्टम पर खड़ा हो रहा है जो आधार कार्ड में छोटे से बदलाव करने के लिए भी तमाम तरीके से सत्यापन करवाते है और आम आदमी बैंक खुलवाने जाए तो वो भी आसान नही हो पाता लेकिन फर्जीवाड़ा करने वाले बड़े बड़े स्कैम कर जाते है लेकिन सिस्टम को चलाने वालों को भनक तक नही लगती।।

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