एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने किया ठगी के महाश्राप का अंत ‘मायावी इच्छाधारी बाबा’ गिरफ्तार

घर के अंदर जमीन के नीचे दबा धन निकालने का नाटक रच हुए महिला के साथ बलात्कार।।
आपत्तिजनक वीडियो बना पीड़ित से पाँच लाख रुपये वसूले।।
आपत्तिजनक वीडियो का डर दिखाकर 20 लाख रुपयों की और मांग कर रहा था।।
मायावी कलाओं और भ्रामक तरीकों से करोड़ो रूपये की ठगी करने वाला बाबा अरेस्ट।।
स्वयंभू बाबा बरेली के पीर जुनैद से वशीकरण रहस्मय कलाएं सीखने का दावा करता था बाबा।।
मायावी इच्छाधारी बाबा को अरेस्ट करने वाली पुलिस टीम को SSP ने दिया नकद ईनाम।।
जालसाजी का ताना-बाना: बाबा के धोखे के शातिराना तरीके:
यह ‘इच्छाधारी बाबा’ केवल एक धोखेबाज नहीं, बल्कि ठगी का एक माहिर कलाकार था, जिसके पास लोगों को अपने जाल में फंसाने के कई शातिराना तरीके थे:
रूप बदलने में माहिर: ‘गिरगिट’ जैसा ठग:
यह मायावी बाबा अपनी असली पहचान छुपाने और लोगों को भ्रमित करने में माहिर था। वह कभी एक साधारण संत का भेष धारण करता था, तो कभी एक प्रभावशाली व्यवसायी का। उसके पास विभिन्न प्रकार की वेशभूषा और मेकअप का पूरा भंडार था, जिससे वह आसानी से किसी भी भीड़ या परिस्थिति में घुलमिल जाता था। इस अद्भुत क्षमता ने उसे पुलिस और जनता, दोनों की आँखों में धूल झोंकने में मदद की और वह बिना किसी संदेह के अपने ठगी के जाल बिछाता रहा।
‘बिजनेसमैन बाबा’ का प्रभावशाली दिखावा: अक्सर, यह इच्छाधारी बाबा एक सफल और धनी व्यवसायी का रूप धारण करता था। महंगे कपड़े, चमकती हुई किराए की गाड़ियां, और एक प्रभावशाली बोलचाल उसे आम लोगों के बीच एक विश्वसनीय और संपन्न व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करती थी। वह खुद को एक आध्यात्मिक गुरु बताता था, जो लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकता है, लेकिन उसका एकमात्र मकसद ठगी करना था। यह ‘बिजनेसमैन बाबा’ का गेटअप लोगों को यह विश्वास दिलाता था कि वह न केवल आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली है, बल्कि आर्थिक रूप से भी संपन्न है, जिससे लोग उसकी बातों में आसानी से आ जाते थे।
झूठी शान और दिखावा: किराए की गाड़ियों का खेल:
अपनी ठगी को और भी विश्वसनीय बनाने के लिए, इच्छाधारी बाबा बड़ी और महंगी गाड़ियां किराए पर लेता था। वह इन गाड़ियों में शान से घूमता था, जिससे लोगों पर उसकी अमीरी और प्रभाव का गहरा असर पड़े। यह दिखावा लोगों को यह सोचने पर मजबूर करता था कि वह एक सच्चा और शक्तिशाली व्यक्ति है, जो अपने भक्तों की मदद करने में सक्षम है। यह सब केवल लोगों को प्रभावित करने और उन्हें अपने जाल में फंसाने का एक सुनियोजित तरीका था।
तंत्र-मंत्र का झांसा: ‘बाल जलाकर पैसे बनाने’ का ढोंग:
बाबा लोगों को यह विश्वास दिलाता था कि उसके पास अलौकिक शक्तियां हैं। इसी क्रम में वह ‘बाल जलाकर पैसे बनाने’ का दिखावा करता था। यह एक मनोवैज्ञानिक चाल थी, जहाँ वह शायद पहले से ही तैयार नोटों को गुप्त रूप से प्रदर्शित करता था, जबकि लोगों को यह भ्रम होता था कि वह ‘जादुई’ रूप से पैसे बना रहा है। इस तरह के तंत्र-मंत्र का झांसा देकर वह लोगों से लाखों रुपये ऐंठता था, उन्हें अमीर बनने या उनकी समस्याओं का समाधान करने का झूठा वादा करता था।
अंधविश्वास का फायदा: ‘काला साया’ और बकरे की बलि:
अंधविश्वास का लाभ उठाते हुए, इच्छाधारी बाबा लोगों को यह यकीन दिलाता था कि उन पर ‘काला साया’ है, जिसे हटाने के लिए ‘बकरे की बलि’ आवश्यक है। यह एक क्रूर और अमानवीय तरीका था, जिसके नाम पर वह भोले-भाले लोगों से लाखों रुपये ऐंठता था। वह बलि के अनुष्ठान का दिखावा करता था, जबकि असल में वह केवल लोगों के पैसे हड़प रहा था। यह उसके ठगी के सबसे भयावह तरीकों में से एक था, जो लोगों की धार्मिक भावनाओं और भय का दुरुपयोग करता था।
भय और चमत्कार का मिश्रण: सांप का उपयोग:
इस मायावी बाबा ने लोगों को डराने और उन्हें अपने वश में करने के लिए एक और खतरनाक तरीका अपनाया। वह अपने कुर्ते के अंदर एक सांप रखता था, और अचानक इसे निकालकर लोगों को आश्चर्यचकित करता था। यह देखकर लोग भयभीत हो जाते थे और इसे उसकी ‘दैवीय शक्ति’ मान लेते थे। सांप का यह अचानक प्रदर्शन लोगों को भयभीत करने और उन्हें बाबा की बातों पर विश्वास करने के लिए मजबूर करता था, जिससे वे आसानी से उसके जाल में फंस जाते थे।
भावनात्मक शोषण: निसंतान महिलाओं को ठगना:
इच्छाधारी बाबा ने निसंतान महिलाओं की भावनाओं का भी क्रूरता से शोषण किया। वह उन्हें बालक पैदा करने के नाम पर बेवकूफ बनाता था और उनसे लाखों रुपये और गहने ठगता था। वह विभिन्न प्रकार के ‘अनुष्ठानों’ और ‘दवाओं’ का वादा करता था, जबकि वास्तव में वह केवल इन महिलाओं की निराशा और गहरी इच्छा का फायदा उठा रहा था। यह उसके ठगी के सबसे शर्मनाक पहलुओं में से एक था, क्योंकि वह लोगों की सबसे गहरी उम्मीदों का दुरुपयोग कर रहा था।
बरेली के पीर जुनैद से ‘वशीकरण’ की कलाएं:
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस ठग बाबा ने बरेली के पीर जुनैद नामक व्यक्ति से ‘वशीकरण की कलाएं’ सीखने का दावा किया था। वह लोगों को यह यकीन दिलाता था कि इन कलाओं के माध्यम से वह किसी भी व्यक्ति को वश में कर सकता है, उनकी समस्याओं का समाधान कर सकता है, और उन्हें धनवान बना सकता है। वह इन तथाकथित ‘वशीकरण’ विद्याओं का उपयोग लोगों को अपनी बातों में फंसाने और उन्हें भावनात्मक रूप से कमजोर करने के लिए करता था, जिससे वे आसानी से उसकी ठगी का शिकार हो जाते थे। यह उसके ठगी के जाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जहां वह लोगों के मन में अपनी शक्तियों के प्रति विश्वास जगाता था।
जमीन में गड़े धन का लालच: भोली-भाली जनता को बनाता था बेवकूफ:
यह शातिर बाबा लोगों को अपने घर या संपत्ति में जमीन के नीचे गड़े हुए ‘माया’ (धन) को निकालने का झूठा लालच देता था। वह उन्हें यह विश्वास दिलाता था कि उसके पास ऐसी शक्तियां हैं, जिनसे वह गुप्त धन को खोज सकता है। इस झांसे में आकर भोली-भाली जनता अपनी गाढ़ी कमाई उसे सौंप देती थी, यह सोचकर कि वह उन्हें और अधिक धन प्राप्त करने में मदद करेगा। लेकिन यह सब केवल उसकी ठगी का एक और तरीका था, जिससे वह लोगों के पैसे ऐंठता था।
सम्मोहन कर करता था बलात्कार: पूर्व में भी जा चुका है जेल:
जांच में यह भी सामने आया है कि यह ‘मायावी बाबा’ न केवल ठगी करता था, बल्कि सम्मोहन का दुरुपयोग कर महिलाओं का यौन शोषण भी करता था। वह अपनी ‘मायावी’ शक्तियों का प्रदर्शन कर लोगों को सम्मोहित करता था और इसी अवस्था का फायदा उठाकर उसने कई महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी जघन्य वारदातें भी की हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, यह बाबा पूर्व में भी ऐसे ही गंभीर अपराधों के लिए जेल जा चुका है, जो उसकी आपराधिक प्रवृत्ति को दर्शाता है।