नदी किनारे सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों के विरोध में अनशन पर बैठे करणी सेना के पदाधिकारी

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उत्तराखंड में इन दिनों पहाड़ से मैदान तक बरसात का कहर बरप रहा है जहां पहाड़ी इलाको में भूस्खलन वजह है तो वही मैदानी इलाकों में अधिकतर वो रिहायसी इलाके प्रभावित ज्यादा हो रहे है जोकि नदियों के किनारे बसे हुए है वही देहरादून में अनशन पर बैठे इन युवाओं की भी मांग का संबंध आ रही आपदाओं से है दरसल देहरादून के प्रेमनगर में करणी सेना के ये युवा पिछले चार दिनों से अनशन पर बैठे हैं जिनका आरोप ही कि नदी किनारे सरकारी भूमि पर भूमाफिया अवैध कब्जा कर बस्तियां बसा देते है जिसका खामियाजा बस्ती में रहने वाले लोगों को बाढ़ बारिश के दौरान झेलना पड़ता है लेकिन संबंधित विभाग, जिला प्रशासन कोई सुध नही लेता जिसकी वजह से बरसातों के मौसम में जब नदिया उफान पर आती हैं तो वही बस्तियां बाढ़ बारिश और आपदा का शिकार हो जाती हैं इतना ही नही शहर में मानकों को ताक पर रख कर अवैध तरीके से कई मंजिला इमारतें, कॉम्प्लेक्स बनाए जा रहे है जोकि भूकंपरोधी भी नही है लेकिन प्राधिकरण हो या कैंट बोर्ड सभी आंख कान बंद कर बैठे हैं जोकि भविष्य के लिए खतरा साबित हो सकता है करणी सेना के राष्ट्रीय सचिव शुभम सिंह ठाकुर ने प्रेमनगर इलाके में नदी किनारे बने निजी कॉलेज और हॉस्पिटल के द्वारा सरकारी भूमि कब्जाने का आरोप भी लगाया है ठाकुर ने कहा अगर भविष्य में कभी इन नदियों में बाढ़ जैसे हालात बने तो कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों और हॉस्पिटल में मौजूद मरीजों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं के लिए कौन जिम्मेदार होगा। इसीलिए सरकारी भूमि कब्जे वाले मामलें में जाँच के लिए प्रशासन से मांग की है उन्होंने कहा कि फिलहाल हमने ये विरोध देहरादून से शुरू किया है धीरे धीरे इसे आंदोलन का रूप दे पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा।ताकि सरकारी भूमि पर कब्जा करने वाले भूमाफियाओं और अवैध तरीके से बन रही जानलेवा इमारतों के निर्माण पर रोक लग सके।और भूकंप बाढ़ बारिश के दौरान कम से कम जनहानि को नुक़्सान पहुंचे।।

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